ट्रेनों में यात्रियों के साथ खेल: रेल नीर के बजाय महंगे दामों पर बेच रहे घटिया पानी
मुल्क तक न्यूज़ टीम, मुरादाबाद. पेंट्रीकार संचालक अधिक लाभ कमाने के लिए यात्रियों को रेल नीर के स्थान पर घटिया ब्रांड की पानी की बोतल बेच रहे हैं। शिकायत करने के लिए पेंट्रीकार संचालक यात्रियों को शिकायत पुस्तिका तक उपलब्ध नहीं कराते हैं। रेल प्रशासन ने फिर से ट्रेनों व पेंट्रीकार में जांच करने का आदेश दिया है।
रेलवे बोर्ड ने ट्रेनों में सफर करने वाले यात्री को शुद्ध पानी पीने के लिए रेल नीर बेचने का आदेश दिया है। लंबी दूरी की ट्रेनों में बीच रास्ते में रेल नीर उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की है। एक बोतल पानी बेचने पर पेंट्रीकार संचालक को एक रुपये का कमीशन मिलता है। लंबी दूरी की ट्रेनों के पेंट्रीकार संचालक अधिक लाभ कमाने के लिए बीच रास्ते घटिया स्तर का बोतल बंद पानी खरीद लेते हैं और यात्रियों के 20 रुपये में बेचते हैं। वहीं एक लीटर वाली रेल नीर की बोतल 15 रुपये की मिलती है। गर्मी के मौसम में ट्रेन में सफर करने वाले अधिकांश यात्री बोतल बंद पानी खरीद कर प्यास बुझाते हैं।
मालदा टाउन से नई दिल्ली के बीच चलने वाली ट्रेन में पेंट्रीकार संचालक मालदा टाउन से ट्रेन चलने पर यात्रियों को रेल नीर उपलब्ध कराता है। पटना से पहले ट्रेन में रेल नीर के स्थान पर स्थानीय स्तर पर तैयार किए गए अन्य ब्रांड की पानी बेचना शुरू कर देता है। यात्री शिकायत करने पेंट्रीकार पहुंचता हैं तो संचालक शिकायत पुस्तिका उपलब्ध नहीं कराता है। इसी तरह न्यू तिनसुकिया से अमृतसर जाने वाली ट्रेन में गुवाहाटी के बाद रेल नीर के स्थान पर स्थानीय स्तर पर तैयार बोतल बंद पानी उपलब्ध कराया जाने लगता है। स्थानीय स्तर पर तैयार बोतल बंद पानी घटिया स्तर का होने से यात्री के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पेंट्रीकार संचालक की कारगुजारी की जानकारी रेलवे अधिकारियों को भी है। समय समय पर ट्रेनों व पेंट्रीकार की चेकिंग कराई जाती है। इसके बाद भी पेंट्रीकार संचालक घटिया स्तर का बोतल बंद पानी की बिक्री करना बंद नहीं करते हैं।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने बताया कि मुख्यालय के आदेश पर पिछले माह चेकिंग अभियान चलाया गया था। कई ट्रेनों में रेल नीर के स्थान पर लोकल स्तर के पानी की बोतल की बिक्री करते हुए पकड़ा था। विभिन्न ट्रेनों के पेट्रीकार संचालकों पर 45 लाख रुपये जुर्माना लगाकर वसूली के लिए उत्तर रेलवे मुख्यालय पत्र भेजा था। फिर से ट्रेनों में इसकी जांच कराई जाएगी।
यात्रियों से बातचीत...
यात्री झील कुमारी ने कहा कि चलती ट्रेन में प्यास बुझाने के लिए पेंट्रीकार के वेंडर ही सहारा होते हैं। वेंडर रेल नीर के स्थान पर अन्य ब्रांड की बोतल बंद पानी उपलब्ध कराते हैं। रेल नीर मांगने पर कहा जाता है कि रेल नीर खत्म हो गया है, मांग करने के बाद भी बीच रास्ते में रेल नीर उपलब्ध नहीं कराया जाता। मजबूरी में अन्य ब्रांड का बोतल बंद पानी खरीदना पड़ता है।
दूसरे यात्री मोनू ने बताया कि पेंट्रीकार संचालक से शिकायत पुस्तिका की मांग करने पर नहीं दिया जाती है। संचालक का जवाब होता है कि मांग के बाद भी रेल नीर उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो वह कहां से रेल नीर लाकर दें। अधिक कीमत लेने पर संचालक का जवाब होता है कि अधिक कीमत पर पानी का बोतल खरीदा गया है, इसलिए अधिक कीमत ली जा रही है।
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