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राष्ट्रपति चुनाव में बिखरा नजर आया विपक्ष, कई राज्यों में पार्टी लाइन से अलग जाकर ‘माननीयों’ ने की क्रॉस वोटिंग

मुल्क तक न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. द्रौपदी मुर्मू देश की अगली राष्ट्रपति होंगी। 21 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के आए नतीजों में उन्होंने तीसरे राउंड में ही विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को मात दे दी। हालांकि इस चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को जीतने में क्रॉस वोटिंग ने भी काफी मदद की। विपक्ष जोकि संयुक्त रूप से एनडी उम्मीदवार को मात देने की कोशिश में लगा था, इस चुनाव में उसकी एकता भी बिखरती नजर आई।

क्रॉस वोटिंग की बात करें तो सत्तारूढ़ भाजपा का दावा है कि संसद के दोनों सदनों के 17 सांसदों और अलग-अलग राज्यों के 126 विधायकों ने अपनी पार्टी लाइन से अलग जाकर मुर्मू को वोट दिया। इस चुनाव में कई क्षेत्रीय दलों ने भाजपा से मतभेद होने के बाद भी राष्ट्रपति भवन में आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को वोट करने किया।


द्रौपदी मुर्मू को कुल 4701 वैध वोटों में से 2824 वोट मिले, जबकि विपक्ष के यशवंत सिन्हा को सिर्फ 1877 वोट मिले। मुर्मू ने कुल वैध मतों का 64.03 प्रतिशत हासिल किया। बीजेपी नेताओं के मुताबिक गुजरात में 10, असम में 22, उत्तर प्रदेश में 12 और गोवा में 4 विधायकों ने मुर्मू को क्रॉस वोट दिया।


वहीं चुनाव से पहले विपक्ष जिस दावे से यशवंत सिन्हा के लिए लगा था, उसमें भी अपेक्षित वोट यशवंत सिन्हा को नहीं मिल सके। इससे विपक्षी एकता पर सवालिया निशान लग गया है। इस चुनाव में कई विपक्षी नेता अपने आदिवासी समर्थन को आधार मानकर मुर्मू के साथ खड़े रहे। द्रौपदी मुर्मू को आंध्र प्रदेश, नागालैंड और सिक्किम में पूरे सदन का समर्थन मिला। इसके अलावा मुर्मू को केरल से भी एक वोट मिला, जहां भाजपा विधानसभा या लोकसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत सकी।


वोट के आंकड़ों को देखें तो कुल 4754 वोट पड़े, जिसमें द्रौपदी मुर्मू को संसद से कुल 540 वोट मिले। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उन्हें 2,284 वोट मिले। उन्हें मिले वोटों की वैल्यू 6,76,803 रही। वहीं इसके जबाव उनके प्रतिद्वंदी यशवंत सिन्हा को संसद से 208 वोट मिले, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उन्हें 1,669 वोट हासिल हुए। उनके कुल वोटों की वैल्यू 3,80,177 रही। इस चुनाव में अमान्य वोटों की संख्या भी 2017 में हुए चुनाव के मुकाबले 77 से घटकर 53 हो गई।

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