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मऊ में अवैध निर्माण के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठी महिलाएं

मुल्क तक न्यूज़ टीम, मऊ. मऊ जनपद के मधुबन तहसील परिसर में तीन महिलाएं आमरण अनशन पर बैठ गईं। जिससे पूरे तहसील परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। इन महिलाओं का आरोप था कि उनकी भूमि पर गांव के ही जमावंत गोंड पुत्र जगदेव द्वारा पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से अवैध निर्माण कराकर कब्जा कर लिया गया है। जब तक उस अवैध निर्माण को हटाया नहीं जाता, वह यहां तहसील परिसर में अनशन पर बैठी रहेंगी।

चौकी इंचार्ज की मिलीभगत से हुआ कब्ज़ा

मधुबन थाना क्षेत्र के दुबारी पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम बिग्रहपुर दुबारी निवासिनी सफीकुन पत्नी नजीर अहमद का आरोप है कि गांव स्थित उसके गाटा संख्या - 5929 रकबा - 120 कड़ी पर बीते 27 जून 2022 को गांव के ही जमावंत गोंड द्वारा दबंगई से अवैध रूप से बाउंड्री वॉल का निर्माण किया जाने लगा। जब वह इसकी शिकायत लेकर दुबारी पुलिस चौकी पर पहुंची तो चौकी इंचार्ज द्वारा मौका पर पहुंचकर अवैध निर्माण रुकवाने की बजाय उसे और उसके पुत्र राजा को पुलिस चौकी पर लाकर लगभग 6 घंटों तक बैठाये रखा गया। इ़स बीच विपक्षी द्वारा भूमि पर बाउंड्री वॉल एवं गेट निर्माण का कार्य पूरा कराया जा चुका था। चौकी इंचार्ज दुबारी की शह पर विपक्षी अपने मकसद में कामयाब रहा।

डीएम के आदेश पर भी नहीं हटा अवैध निर्माण

पीड़िता रफीकुन के अनुसार घटना के दूसरे दिन यानी 28 जून 2022 को वह अपनी शिकायत लेकर जिलाधिकारी मऊ एंव पुलिस अधीक्षक के पास पहुंची। जहाँ मामले को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने ज़मीन की पैमाइश को आदेशित किया। 28 जून को ही मौके पर पहुंचे सहायक चकबंदी अधिकारी, कानूनगो एंव लेखपाल द्वारा भूमि की पैमाइश की गयी। शिकायत सही पायी गयी जिसकी रिपोर्ट सहायक चकबंदी अधिकारी द्वारा जिलाधिकारी मऊ को भेज कर दी गयी। रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने अवैध निर्माण को गिराए जाने को आदेशित किया। बावजूद इसके दो सप्ताह बीत जाने पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अवैध कब्ज़ा अभी भी बरकरार है।

अनशन रहेगा जारी

आमरण अनशन पर बैठी महिलाओं का कहना था कि इस मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। जब तक उनकी भूमि पर से अवैध रूप से बने बाउंड्री वॉल एवं गेट को गिरा नहीं दिया जाता, उनका आमरण अनशन जारी रहेगा। उनके द्वारा इस प्रकरण की लिखित शिकायत मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, मुख्य सचिव एंव प्रमुख सचिव गृह उत्तर प्रदेश सरकार एंव मंडलायुक्त आजमगढ़ को भी कर दी गई है।

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