मऊ में सरयू नदी में कटान तेज, गांव खाली करने का आदेश
मुल्क तक न्यूज़ टीम, मऊ. मधुबन तहसील क्षेत्र अंतर्गत सरयू नदी के सबसे अंतिम छोर पर बसे बिन्दटोलिया गांव की नई बस्ती पुरवा का वजूद इन दिनों खतरे में है। सरयू नदी अत्यंत तेज गति से कटान कर रही है। हालत यह है कि लोग खुद अपने आशियाने तोड़ रहे हैं। ऐसे में संभावित खतरे के मद्देनजर स्थानीय तहसील प्रशासन ने लोगों को गांव खाली करने के निर्देश दे दिए हैं। अब ग्रामीण अपने बने बनाए पक्के मकान को तोड़कर उसके अवशेष समेटने में लगे हैं, ताकि इससे पहले कि सब कुछ सरयू नदी की भेंट चढ़ जाए, जितना संभव हो उसे बचा लिया जाए।
पिछले दिनों तेजी से बढ़ रहे सरयू नदी के जलस्तर में बीते दो दिनों से घटाव का सिलसिला शुरू हो गया है। तहसील क्षेत्र के हाहानाला रेगुलेटर पर नदी का जलस्तर गुरुवार की सुबह 8 बजे 64.10 मीटर रिकॉर्ड किया गया जबकि बुधवार की सुबह यह 64.50 मीटर था। बीते 24 घंटे में सरयू नदी का जलस्तर 40 सेंटीमीटर कम हुआ है। नदी का जलस्तर घटने के साथ ही कटान भी तेज हो गई है। ऐसे में लोग तेजी के साथ पलायन कर रहे हैं।
स्कूल में बनाए गए आश्रय स्थल
बुधवार को स्थानीय तहसील प्रशासन द्वारा नई बस्ती पुरवा में लेखपाल कमलेश यादव द्वारा माइक से यह अनाउंसमेंट कराया गया कि गांव के लोग जल्द से जल्द अपने घरों को खाली कर सुरक्षित स्थान पर चले जाएं ताकि किसी प्रकार के जानी नुकसान से बचा जा सके। तहसील प्रशासन द्वारा वर्तमान में जनता शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज दुबारी, प्राथमिक विद्यालय खैरा, प्राथमिक विद्यालय दुबारी, जूनियर हाई स्कूल धर्मपुर ताड़ी, प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मीपुर को कटान पीड़ितों के लिए अस्थाई पनाह स्थल बनाया गया है।
एक कमरे में रह रहे कई परिवार
वर्तमान में यहां बिन्दटोलिया नई बस्ती के सुखिया देवी, लल्लन बिंद राममिलन बिंद, रामदेववाल, राम सिंगार, नीबू लाल, बेचू, नन्हकू, शिवचंद, लल्लन, शंभू आदि के परिवार शरण लिए हुए हैं। जगह की कमी की वजह से एक ही कमरे में कई परिवारों को रहना पड़ रहा है, जिससे इन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन दिनों इन विद्यालयों में पठन-पाठन की प्रक्रिया भी चल रही है इसलिये विद्यालय प्रशासन को भी कटान पीड़ितों एवं छात्रों के बीच तालमेल बनाये रखना एक चुनौती बनी हुई है।
प्रशासन सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने को तैयार
सरयू नदी में हो रहे कटान के सम्बन्ध में एसडीएम मधुबन मनोज कुमार तिवारी का कहना है कि लोगों को सुरक्षित रखना प्रशासन की प्राथमिकता है। नई बस्ती के लोगों को गांव को खाली कर सुरक्षित स्थान पर जाने के लिये कह दिया गया है। तहसील क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों को इन कटान पीड़ितों के लिए अस्थाई आश्रय स्थल बनाए गए हैं। इनके खाने पीने की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा की जा रही है। वहीं संबंधित गांव के लेखपाल एवं ग्राम प्रधान को भी जिम्मेदारी दी गयी है कि वह इन कटान पीड़ितों की जरूरतों का ख्याल रखें। नदी के उतार-चढ़ाव पर नजर रखी जा रही है। हर प्रकार की चुनौती से निपटने के स्थानीय तहसील प्रशासन पूरी तरह तैयार है।
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