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irctc तेजस के 700 यात्रियों में बांटेगा 1 लाख 75 हजार रुपये हर्जाना, जानें मामला

मुल्क तक न्यूज़ टीम, लखनऊ. अमौसी रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार रात ओएचई यानी ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन टूटने से तेजस समेत 47 ट्रेनें बाधित हुईं। ये ट्रेनें शुक्रवार रात से शनिवार तड़के तक करीब छह घंटे तक प्रभावित रही। इसका असर शनिवार सुबह तक ट्रेनों पर पड़ा रहा। इस दौरान तेजस एक्सप्रेस भी अमौसी में तीन घंटे खड़ी रहने के बाद डीजल इंजन से लखनऊ पहुंची। ट्रेन में 700 यात्री सफर कर रहे थे। आईआरसीटीसी नियम के मुताबिक, हर यात्री को 250 रुपये मुआवजा देगा।

इसके लिए यात्रियों के दर्ज मोबाइल फोन नंबर पर आइआरसीटीसी हर्जाने का दावा करने का लिंक भेजेगा। अमौसी स्टेशन पर शुक्रवार रात 9:35 बजे ओएचई लाइन टूट गई थी। नई दिल्ली से आ रही तेजस एक्सप्रेस खड़ी हो गई। सूचना पाकर रेलवे के बिजली अनुभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। इस बीच ट्रेनें कानपुर के पहले भीमसेन और चकेरी जैसे स्टेशनों तक खड़ी हो गईं।

लखनऊ से भी ट्रेनें रवाना हुईं तो अमौसी के आसपास फंसी रहीं। तेजस चार घंटे अमौसी में खड़ी होने के बाद लखनऊ जंक्शन रात डेढ़ बजे पहुंच सकी। लखनऊ से शनिवार को यह ट्रेन दो घंटे देरी से रवाना हुई। इस कारण नई दिल्ली से भी शनिवार को तेजस डेढ़ घंटे लेट चली। पुष्पक एक्सप्रेस उन्नाव पहुंचने तक डेढ़ घंटे लेट हो गई।

लखनऊ आ रही गोमती एक्सप्रेस अमौसी में रात 9:29 से तड़के 3:15 बजे तक, चंपारण हमसफर सोनिक में रात 10:25 बजे से सुबह चार बजे तक, आनंद विहार-मऊ एक्सप्रेस मगरवारा में रात 11:52 बजे से तड़के 3:45 बजे तक खड़ी रही। महाकाल एक्सप्रेस कानपुर रात 10:54 बजे पहुंची लेकिन लखनऊ यह ट्रेन सुबह 4:55 बजे आ सकी।

साबरमती एक्सप्रेस कानपुर रात 11:38 बजे आयी लेकिन लखनऊ सुबह 5:20 बजे, मरुधर एक्सप्रेस अम्बीयापुर में रात 11:36 बजे पहुंची लेकिन लखनऊ यह ट्रेन शनिवार सुबह 7:50 बजे पहुंच सकी। इसी तरह आनंद विहार गोरखपुर हमसफर एक्सप्रेस कनचौसी में रात 12:11 बजे आकर शनिवार सुबह 7:25 बजे करीब पांच घंटे की देरी से आ सकी।

यह है आइआरसीटीसी का नियम 

तेजस देश की पहली कारपोरेट ट्रेन है। आइआरसीटीसी ने इस ट्रेन के लेट होने पर हर्जाना देने का नियम बनाया है। यदि ट्रेन एक घंटे लेट हो जाती है तो प्रति यात्री 100 रुपये का हर्जाना आइआरसीटीसी देगा। जबकि ट्रेन दो घंटे से अधिक लेट होती है तो यात्री को 250 रुपये का हर्जाना देना पड़ता है। इसके अलावा आइआरसीटीसी यात्रियों के सामान का भी इंश्योरेंस कवर करता है।

ट्रेन में सफर करते समय यदि यात्री का सामान चोरी हो जाए तो उसका हर्जाना भी आइआरसीटीसी देता है। आइआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अजीत कुमार सिन्हा का कहना है कि यात्रियों को हर्जाना देने के लिए लिंक भेजा जा रहा है। उनके अप्लाई करते ही जिस क्रेडिट व डेबिट कार्ड से उन्होंने टिकट बनाया है। उसमें हर्जाना पहुंच जाएगा।

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