महाराष्ट्र में भाजपा और शिंदे गुट की सरकार का रास्ता साफ, फडणीस पेश करेंगे दावा
मुल्क तक न्यूज़ टीम, मुंबई. महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी सरकार के मुख्यमंत्री शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के साथ ही भाजपा और शिवसेना के बागी गुट की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। अब सदन में शक्ति परीक्षण की जरूरत नहीं होगी और जल्दी ही भाजपा और शिवसेना का बागी गुट राज्यपाल के सामने अपनी सरकार बनाने का दावा पेश करेगा।
शिवसेना के हाथ से बाजी तभी निकल गई थी, जबकि उसके दो तिहाई से ज्यादा विधायक बगावत कर गये थे। अब उद्धव ठाकरे के सामने शिवसेना को बचाने की बड़ी चुनौती है।
पूरा पासा पलटा
महाराष्ट्र में ढाई साल पहले जिस भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने बहुमत हासिल किया था, वह नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री पद के विवाद में टूट गया था। हालांकि, भाजपा ने एनसीपी के साथ मिलकर कुछ घंटों के लिए सरकार भी बनाई थी, लेकिन एनसीपी नेता अजीत पवार के वापस जाने के बाद राज्य में एक नया गठबंधन उभरा था, जिसमें शिवसेना के साथ कांग्रेस और एनसीपी खड़ी थी। इसका नेतृत्व शिवसेना ने किया और उद्धव ठाकरे खुद मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन हाल के घटनाक्रमों ने पूरा पासा पलट दिया।
इसकी शुरुआत राज्यसभा चुनाव से हुई थी, जिसमें भाजपा ने अपना एक अतिरिक्त उम्मीदवार जिताकर महा विकास आघाडी को झटका दिया था। इसके बाद विधान परिषद के चुनाव में उसने सत्तारूढ़ गठबंधन को एक और बड़ा झटका दिया। तब तक शिवसेना में बगावत के बीज पड़ चुके थे, लेकिन इसकी भनक सत्तारूढ़ खेमे में किसी को भी नहीं लगी थी।
शिवसेना सुप्रीमो की जमीन हिला दी
अचानक शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे कुछ विधायकों को लेकर सूरत कूच कर गए और धीरे-धीरे कर उनके साथ शिवसेना के दो तिहाई विधायक जुड़ गए। यह विधायक गुजरात से गुवाहाटी पहुंचे और वहां पर लगातार एकजुटता दिखाकर उन्होंने शिवसेना सुप्रीमो की जमीन हिला दी। उद्धव ठाकरे की भावुक अपील भी काम नहीं आई और उनको सरकार छोड़ पार्टी बचाने के लिए जूझना पड़ा।
अब बागी गुट का दावा असली शिवसेना का है और अगर वह शिवसेना कार्यकारिणी में विभाजन करने में सफल रहा तो उद्धव ठाकरे के हाथ से शिवसेना भी जा सकती है। यही वजह है कि ठाकरे सरकार छोड़कर सिर्फ हिंदुत्व का झंडा लेकर शिवसेना को अपने पास बनाए रखने की मुहिम में जुट गए हैं।
भाजपा ने ढूंढा रास्ता
दूसरी तरफ भाजपा ने ढाई साल बाद ही सही अपनी सरकार बनाने का रास्ता ढूंढ लिया है। इसमें उसने अपनी पुरानी सहयोगी शिवसेना के ही बागी गुट को मददगार बनाया। भाजपा और शिवसेना के बागी गुट के साथ आने से नई सरकार का बहुत आसानी से बन जाती है। सूत्रों के अनुसार, जल्दी ही भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे राज्यपाल से मिलकर नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। भाजपा की दो-तीन जुलाई को हैदराबाद में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उसके पास एक और राज्य और एक और मुख्यमंत्री जुड़ जाएगा।
गोपनीय तरीके से दांव चला
इस पूरे घटनाक्रम में भाजपा नेतृत्व में जितने गोपनीय तरीके से बड़ा दांव चला, वह विपक्ष के लिए बड़ी चेतावनी है। महाराष्ट्र में जहां तक पवार के बिना पत्ता नहीं मिलता था, उनको भी इतने बड़े घटनाक्रम की भनक तक नहीं लग सकी। यहां तक कि मुख्यमंत्री और उनका पूरा तंत्र भी सत्ता में रहकर भी अपनी टूट की आहट नहीं ले सका।
कोई टिप्पणी नहीं