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सिर में टांके, रीढ़ की हड्डी में चोट... बाल-बाल बचे टर्बुलेंस के शिकार यात्री

मुल्क तक न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. स्पाइसजेट की मुंबई-दुर्गापुर उड़ान को हवाईअड्डे पर उतरते समय रविवार को एक बेहद टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा। टर्बुलेंस इतना तेज था कि विमान में सवार कम से कम 14 यात्री घायल हो गए। हालांकि, बोइंग बी737-800 विमान सुरक्षित उतरने में कामयाब रहा और घायलों को चिकित्सा सहायता दी गई और उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया।

क्या बोले एयरपोर्ट अधिकारी?

दुर्गापुर हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने कहा, "एयरक्राफ्ट VT- SLH को उतरने के दौरान गंभीर टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा। विमान दुर्गापुर में सुरक्षित रूप से उतरा, हालांकि कुछ यात्रियों के घायल होने की सूचना थी। उनके आगमन पर तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान की गई।"

सिर में टांके, रीढ़ की हड्डी में चोट

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक अधिकारी ने कहा, "करीब 14 यात्री और एक केबिन क्रू घायल हो गया। कुछ घायल लोगों के सिर में चोट लगी है और उन्हें टांके लगे हैं। एक यात्री ने रीढ़ की हड्डी में चोट की शिकायत की है।"

क्या बोली स्पाइसजेट? कैसे लगी चोट?

स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने घटना को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए कहा कि एयरलाइन ने सुनिश्चित किया कि दुर्गापुर पहुंचने पर घायल यात्रियों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए। स्पाइसजेट ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर खेद व्यक्त किया और घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता प्रदान कर रही है।

पश्चिम बंगाल में खराब मौसम के कारण विमान में टर्बुलेंस होने पर पायलट ने सीट बेल्ट का साइन ऑन कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक, फूड ट्रॉली से टकराने से दो यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए।

एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "सीट बेल्ट के साइन ऑन किए जाने पर फूड सर्विस बंद कर दी जानी चाहिए थी और सभी यात्रियों को अपनी सीटों पर वापस जाने के लिए कहना चाहिए था, जोकि घटना के समय ऐसा नहीं किया गया था।" हालांकि, डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'मामले की जांच की जा रही है। हम किसी तरह का अनुमान नहीं लगा सकते।'

आखिर क्या होता है टर्बुलेंस, कैसे रहें सुरक्षित?

टर्बुलेंस को वायुमंडलीय विक्षोभ भी कहते हैं। किसी विमान में टर्बुलेंस की स्थिति अधिकतर तब बनती है जब विमान के उड़ते समय हवा उसके पंखों से अनियंत्रित होकर टकराती है। इस दौरान विमान में एयर टर्बुलेंस उत्पन्न होता है। इससे विमान ऊपर-नीचे होने लगता है और यात्रियों को झटके लगने शुरू हो जाते हैं। टर्बुलेंस कई तरह के होते हैं तो लेकिन विमानों को खराब मौसम की स्थिति में एयर टर्बुलेंस का सामना करना पड़ता है। इस दौरान टर्बुलेंस से खुद को सुरक्षित रखने का सबसे बढ़िया तरीका है कि अपनी सीट बेल्ट हमेशा बांधकर रखें।

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