गाजियाबाद से कानपुर तक बनने वाले ग्रीनफील्ड इकोनॉमी कॉरिडोर से इन शहरों को होगा फायदा
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने गाजियाबाद से कानपुर तक ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर को एक दिन पूर्व मंजूरी दी है. यह कॉरिडोर 380 किलोमीटर लंबा होगा, जो 2025 तक तैयार हो जाएगा. एनएचएआई (NHAI) के अधिकारियों के अनुसार यह कॉरिडोर मेरठ एक्सप्रेस वे को दो जगह से कनेक्ट करते हुए बनाया जाएगा. पहले डासना मसूरी के आगे गाजियाबाद की सीमा से एनएच 9 से जोड़ते हुए निर्माण शुरू होगा. इसके बाद हापुड़ में बाईपास को कनेक्ट करते हुए बनाया जाएगा. आगे जाकर दोनों कनेक्टर एक जगह मिल जाएंगे.
इन शहरों के लोगों को होगा फायदा
इसके बनने के बाद गाजियाबाद, हापुड़, खुर्जा, बुलंदशहर, अमरोहा समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्से से जुड़े लोगों को फायदा होगा. उन्हें कई किमी. चलकर यमुना एक्सप्रेसवे पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे बनने के बाद दिल्ली से लखनऊ जाने के लिए लोगों को एक नया रास्ता मिलेगा.
मेरठ एक्सप्रेस-वे से जुड़ने का लाभ
इससे फायदा यह होगा कि गाजियाबाद की ओर से आने वाले ट्रैफिक को कॉरिडोर पर चढ़ने के लिए हापुड़ तक नहीं आना पड़ेगा. वह मसूरी के पास से सीधे कानपुर के लिए जा सकेंगे. मेरठ, हापुड़, अमरोहा की तरफ से आने वाले वाहन सीधे हापुड़ बाइपास से कॉरिडोर को पकड़कर कानपुर व लखनऊ जा सकेंगे.
जमीन अधिग्रहण आठ लेन के लिए
एनएचएआई ने 380 किमी लंबे इस प्रोजेक्ट को गाजियाबाद-हापुड़-कानपुर उन्नाव ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का नाम दिया है. इस कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण आठ लेन के एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर किया जाएगा, लेकिन शुरुआत में सिर्फ चार लेन की सड़क का निर्माण किया जाएगा. हालांकि अंडरपास, फ्लाईओवर और सर्विस रोड का निर्माण छह लेन के ग्रीनफील्ड कॉरिडोर की तर्ज पर ही किया जाएगा. यह कॉरिडोर लखनऊ से कानपुर के बीच बन रहे टन एक्सप्रेस वे को उन्नाव और कानपुर के का बीच कनेक्ट करेगा. जबकि गाजियाबाद और हापुड़ में मौजूदा मेरठ एक्सप्रेसवे पर कनेक्ट करेगा.
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