हाईकोर्ट के फैसले के बाद क्या बढ़ जाएंगी कॉमेडियन कुणाल कामरा की मुश्किलें! जानें पूरा मामला
मुल्क तक न्यूज़ टीम, इलाहाबाद. इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद मशहूर कॉमेडियन कुणाल कामरा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याची अधिवक्ता को वाराणसी जिला अदालत में परिवाद दाखिल करने की छूट दे दी है. हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ वाराणसी के जिला कोर्ट में परिवाद दर्ज होने का रास्ता साफ हो गया है. कोर्ट ने परिवाद दाखिल करने की इजाजत देने के साथ ही याचिका निस्तारित कर दी है. कोर्ट के आदेश के बाद दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 200 के तहत वाराणसी जिला कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया जाएगा.
कोर्ट ने साकरी बासु बनाम स्टेट ऑफ यूपी के फैसले के आधार पर आदेश दिया है. वाराणसी जिला कोर्ट में परिवाद दर्ज होने के बाद कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ मुकदमा चलेगा. गौरतलब है कि याची अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने वाराणसी जिला कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. कॉमेडियन कुणाल कामरा पर सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग पर फहराये गये तिरंगे में एडिटिंग आरोप का है.
आरोप है कि गलत मंशा से एडिटिंग कर बीजेपी का झंडा लगाया और ट्विटर पर उसे पोस्ट कर दिया था. याचिका में कॉमेडियन कुणाल कामरा के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई थी. याची अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने राष्ट्र गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी. याचिका में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की निगरानी याचिका में दिए गए फैसले को चुनौती दी गई थी. याचिका में राज्य सरकार, कॉमेडियन कुणाल कामरा और एसएचओ लंका थाना वाराणसी को पक्षकार बनाया गया था.
गौरतलब है कि कामेडियन कुणाल कामरा ने 11 नवंबर 2020 को विवादित ट्वीट किया था. कामरा ने सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ भी अमर्यादित टिप्पणी की थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की सुनवाई चल रही है. लेकिन हाईकोर्ट में याचिका राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के अपमान को लेकर दाखिल की गई थी. सेशन जज ने अर्जी इस आधार पर खारिज कर दी थी कि यह हमारे क्षेत्राधिकार का मामला नहीं है. जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने मामले में सुनवाई के बाद आदेश दिया है.
कोई टिप्पणी नहीं