यूपी में एडेड महाविद्यालय अब काशन मनी से संवरेंगे, योगी सरकार अनुमति देने की तैयारियों में जुटी
उच्च शिक्षा में व्यापक सुधार कर रही योगी सरकार ने अशासकीय व स्ववित्तपोषित कालेजों में बुनियादी सुधार और अवस्थापना सुविधाओं के उच्चीकरण की दिशा में अहम निर्णय लिया है। राज्य के 331 एडेड कालेज अब जमा काशन मनी का उपयोग अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार में कर सकेंगे। इसके लिए सरकार अनुमति देने जा रही है। इसे एडेड कालेजों में सुधार की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि इसी तरह से सरकार स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के कायाकल्प के लिए कार्य योजना तैयार कर रही है। इसके तहत 7300 से अधिक स्ववित्तपोषित कालेजों की अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाने में राज्य विश्वविद्यालय सहयोग करेंगे। अभी तक स्ववित्तपोषित कालेज अपने संसाधन से अवस्थापना सुविधाओं की व्यवस्था करते थे। विश्वविद्यालयों से सहायता मिलने के बाद सुविधाएं बढऩे से शिक्षा का स्तर सुधरेगा।
चार वर्षों में बढ़ेंगे स्टीम लैब्स : सरकार ने शिक्षा के आधुनिकीकरण व नवाचार के लिए महाविद्यालयों में अगले तीन से चार वर्षों में स्मार्ट क्लास रूम की व्यवस्था और स्टीम लैब्स के नवीनीकरण की योजना तैयार की है। हायर एजुकेशन रेनोवेशन मिशन के तहत तीन साल में क्रमश: 50, 100 और 181 कालेजों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह चार वर्षों में क्रमश: 50, 50, 100 और 131 कालेजों में स्टीम लैब्स का नवीनीकरण किया जाएगा।
डेढ़ गुना बढ़ा उच्च शिक्षा का बजट : योगी सरकार में उच्च शिक्षा बजट का वित्तीय वर्ष 2021-22 में बढ़कर 3678.56 करोड़ रहा जो 2003-04 की तुलना में सात गुना और 2012-13 के सापेक्ष डेढ़ गुने से अधिक है। वर्ष 2003-04 में उच्च शिक्षा का बजट 530.02 करोड़ था। 2012-13 में यह 2501.66 और 2017-18 में 2655.8 करोड़ था। वहीं वित्तीय वर्ष में बजट को बढ़ाकर 3678.56 करोड़ आवंटित किया गया।
क्या है काशन मनी : हर स्कूल-कालेज में नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत होने के साथ छात्र-छात्राओं का एडमिशन होता है। प्रवेश के समय काशन मनी के तौर पर धनराशि जमा कराई जाती है। यह रकम छात्र से अपेक्षित अच्छे व्यवहार की गारंटी और उससे जाने-अनजाने स्कूल संपत्ति को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए जमा कराई जाती है। कालेज छोड़ने के बाद छात्रों को टीसी और काशन मनी वापस किए जाने का नियम है। लेकिन, अधिकांश छात्र-छात्राएं काशन मनी वापस नहीं लेते। कालेजों में इस मद का धन अप्रयुक्त पड़ा है। इसी का कालेज के विकास में प्रयोग करने की तैयारी है।
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