मऊ जिला अस्पताल की लापरवाही, तड़पता रहा युवक नहीं मिली कोई चिकित्सकीय सेवा
क्या है पूरा मामला
मृतक के भाई सौरभ सागर सिंह ने पूरी घटना के बारे में बताया कि उनके भाई गंगासागर सिंह और उनके साथी का बलिया के पास बीच रास्ते में एक्सीडेंट हो गया था। जिसकी सूचना जब उन्हें मिली तो वह अपने भाई से मिलने बलिया के जिला अस्पताल में पहुंचे। वहां पर की व्यवस्था और हालत देखकर उन्होंने तुरंत अपने भाई को बनारस के लिए रेफर करा लेने में ही भलाई समझी। उनके भाई के साथ मामूली रूप से घायल उनके साथी ने बताया कि जब उन्हें घायल अवस्था में बलिया अस्पताल में ले जाया गया था तो वहां पर उन्हें किसी प्रकार की कोई चिकित्सकीय सेवा नहीं दी गई।
एंबुलेंस वाले से बोलकर ऑक्सीजन लगवाया
बाद में चलते समय एक इंजेक्शन लगाया गया जो कि डॉक्टर ने भी नहीं लगाया ना ही किसी फार्मासिस्ट ने यहां तक कि उनके भाई को ग्लूकोज तक नहीं लगाया गया था। जब वह सरकारी एंबुलेंस से रास्ते में लेकर आ रहा था तो उसके भाई की तबीयत बिगड़ने जैसी मालूम हुई। उन्होंने एंबुलेंस वाले से कहकर ऑक्सीजन लगवाया। यहां लेकर आए तो डॉक्टरों ने उसे देखने के बाद मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद से उनके भाई के शव को पुलिस कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
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