Ropeway in Gorakhpur: गोरखपुर में रोप-वे और हैंगिंग रेस्टोरेंट बनाने की तैयारी, सी-प्लेन भी चलेगा
हैंगिंग रेस्टोरेंट (Hanging restaurant in Gorakhpur) और रोप-वे (Ropeway in Gorakhpur) को पीपीपी माडल में स्थापित करने का बनाया प्रस्ताव
हैंगिंग रेस्टोरेंट (hanging restaurant in Gorakhpur) को बनाने के लिए जिस संस्था ने प्रस्ताव दिया है, उसने इस्टीमेट भी तैयार कर लिया है। इस्टीमेट के मुताबिक उसे इस रेस्टोरेंट को बनाने में कुल 25 करोड़ का खर्च आएगा। प्रस्ताव के मुताबिक रेस्टोरेंट 100 मीटर लंबा और चार मीटर चौड़ा होगा। इसमें बैक्विट हाल और जिम का इंतजाम भी होगा। लेक-व्यू रेस्टोरेंट के लिए रामगढ़ताल के सामने खंभे बनाए जाएंगे, जिसपर उसका निर्माण किया जाएगा। रेस्टोरेंट के लिए नया सवेरा से लेकर चंपादेवी पार्क के तक किसी भी स्थान सुनिश्चित करने की संस्था की डिमांड है, जिसे जिला प्रशासन की मदद से पूरा करने में पर्यटन विभाग जुट गया है।
यहां बनेगा रोप वे
रोप-वे (Ropeway in Gorakhpur) लगाने की योजना चिड़ियाघर से लेकर मोहद्दीपुर के बीच रामगढ़ताल के ऊपर है। इसे ताल के पश्चिमी हिस्से में बनाया जाएगा। इसके लिए वही संस्था आगे आई है, जिसने मिर्जापुर के कालीखोह और चित्रकूट में रोव-वे लगाया है। प्रशासनिक स्तर पर दोनों ही योजनाओं को संस्तुति मिल चुकी है। शासन स्तर पर स्वीकृत मिलने और जमीन चिन्हित होने के साथ ही दोनों परियोजनाओं को धरातल पर लाने का कार्य शुरू हो जाएगा।
सी-प्लेन की कवायद भी हुई तेज
रामगढ़ताल में सी-प्लेन (Sea Plane in Gorakhpur) उतारने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर भी कवायद तेज हो गई है। इसके लिए पर्यटन विभाग ने जगह चिन्हित कर लिया है। इसके लिए रामगढ़ताल के पूर्वी हिस्से के उत्तरी कोने पर प्रशासनिक भवन बनाने का प्रस्ताव पर्यटन विभाग ने दिया है। यह परियोजना जीडीए और राजस्व के सहयोग से नागरिक विमानन विभाग द्वारा स्थापित व संचालित की जानी है।
रामगढ़ताल क्षेत्र को राष्ट्रीय स्तर का पर्यटन केंद्र बनाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है। इसे ध्यान में रखकर ही सी-प्लेन (Sea Plane in Gorakhpur), रोप-वे और हैंगिंग रेस्टोरेंट जैसी परियोजनाओं को धरातल पर उतारने की योजना पर्यटन विभाग ने बनाई है। इससे गोरखपुर में पर्यटकों की आवग पढ़ेगा, जिससे यहां निवेष बढ़ेगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी विकसित होंगे। - रवींद्र कुमार मिश्र, क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी, गोरखपुर।
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