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मऊ जिले में एक साल की बछिया बिना गर्भ धारण किए दे रही प्रतिदिन डेढ़ लीटर दूध

मुल्क तक न्यूज़ टीम, मऊ. (Mau News). इसे कुदरत का करिश्मा कहें या चिकित्सकों के अनुसार किसी हार्मोंस का प्रभाव कि एक साल की बछिया बिना प्रसव के ही डेढ़ लीटर दूध देने लगी है। ये मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मऊ जिले (Mau District) के मधुबन तहसील (Madhuban Tehsil) क्षेत्र के पिपरा (Pipra Village, Mau) में यह बछिया लोगों के बीच कौतूहल का केंद्र बनी है। बछिया पिछले एक पखवारे से एक वर्ष की अवस्था में ही दूध दे रही है। लोग इसे दूर-दूर से देखने के लिए पहुंच रहे हैं। हालांकि पशु चिकित्सकों का कहना हैं कि यह अजूबा नहीं है, हार्मोन के असंतुलित होने के कारण ऐसा हो जाता है।

मऊ जिले (Mau District) के पिपरा निवासी रमाकांत शर्मा ने बताया कि उसकी गाय ने पिछले वर्ष अप्रैल में बछिया को जन्म दिया था। अभी बछिया मां का ही दूध पी रही है कि इसी बीच उसने भी दूध देना शुरू कर दिया है। दूध गुणवत्ता में भैंस व गायों के दूध के समान है। रमाकांत की पत्नी शारदा देवी ने बताया कि प्रतिदिन बछिया लगभग डेढ़ लीटर दूध दे रही है। इसे वह दैवीय चमत्कार मानकर दूध भगवान शिव को चढ़ा देती हैं।

पशु चिकित्साधिकारी डा. एम प्रसाद का कहना है कि कभी-कभी हार्मोन्स असंतुलन की वजह से दुधारू पशुओं में यह स्थिति आती है। इस मामले में भी ऐसा लगता है कि इसी कारण वह बछिया दूध दे रही होगी। जांच के बाद ही स्पष्ट कारण की जानकारी हो सकेगी।

क्या है कारण : इस संबंध में पशु चिकित्सकों का कहना है कि हार्मोन्स असंतुलन के कारण कम उम्र में किसी भी नस्ल की बछिया में दूध आना प्रारंभ हो जाता है। यह दूध नुकसान दायक नहीं है। पशुपालक ऐसे दूध का उपयोग कर सकता है। हार्मोन असंतुलन के कारण प्रसव पूर्व दूध आ सकता है। यह दूध पूर्णतया शुद्ध व पौष्टिक होता है। पशु की खुराक बढ़ाने पर दूध उत्पादन बढ़ाया भी जा सकता है।

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