ट्रेनों में टूटने लगा भीड़ का रिकार्ड, जगह न मिलने पर बोगी के शौचालयों में बैठ जा रहे लोग
मुल्क तक न्यूज़ टीम, मऊ. वैश्विक महामारी कोरोना की दहशत किस तरह समाप्त हो गई है, यह देखना हो तो महानगरों से पूर्वांचल की ओर लौटती किसी ट्रेन की जनरल बोगी में झांक कर देख लीजिए। आलम यह है कि जनरल बोगी में चढ़ना और उतरना दोनों मुश्किल हो गया है।
बोगी के एक इंच क्षेत्रफल में भी कहीं पांव रखने की जगह होना तो दूर शौचालयों में भी लोगों का कब्जा रह रहा है। बुधवार को टिकटों की जांच के दौरान मुख्य टिकट निरीक्षक शौचालय का दरवाजा खुलवाते-खुलवाते दुर्गंध से व्याकुल होकर भाग खड़े हुए, लेकिन अंदर बैठे यात्रियों ने दरवाजा नहीं खोला।
गांवों में इन दिनों गेहूं की कटाई-मड़ाई ने रफ्तार पकड़ा हुआ है। दूसरी ओर वैवाहिक लग्न शुरू होने से मुंबई, अहमदाबाद, लुधियाना आदि औद्योगिक नगरों से प्रवासी कामगारों के आने का सिलसिला तेज हो गया है। एक्सप्रेस ट्रेनों के स्लीपर एवं जनरल बोगियों का हाल भीड़ के चलते लगभग एक जैसा हो गया है।
जनरल बोगियों में टीटीई घुसकर टिकट तक नहीं चेक कर पा रहे हैं। गेट के आस-पास खड़े होकर तमाशा ही देखते रह जा रहे हैं। मऊ जंक्शन के सीटीई राकेश कुमार टिकटों की जांच के दौरान जब शौचालय में बैठकर सफर कर रहे कुछ यात्रियों से टिकट दिखाने के लिए बोला तो कई मिनट तक उन्होंने दरवाजा ही नहीं खोला। अंत में सीटीई को दुर्गंध और यात्रियों की मजबूरी देख बैरंग होना पड़ा।
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