ट्रेनों में फिर से दिखेंगे खादी के चादर और तौलिए, रेलवे बोर्ड ने जारी किया आदेश
बुनकरों के उत्पादों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वर्ष 2017 में भारतीय खादी ग्रामोद्योग आयोग और भारतीय रेलवे के बीच अनुबंध हुआ था। ट्रेन में यात्रियों के लिए बेडशीट, तकिए के कवर और तौलिए जैसे उत्पादों की आपूर्ति खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) से होती थी।
वैश्विक महामारी से आपूर्ति बंद
वैश्विक महामारी में बिगड़ी अर्थ व्यवस्था के चलते रेलवे पर भी बड़ा संकट मंडराने लगा था। सुरक्षा कारणों से ट्रेनों में यात्रियों को चादर, तकिया और तौलिए की आपूर्ति भी बंद कर दी गई। इसका असर केवीआइसी और रेलवे के बीच हुए अनुबंध पर भी पड़ा। लिहाजा, वर्ष 2020 में रेलवे ने करोड़ों के खादी उत्पादों का आर्डर रद कर दिया। अब सामान्य होती स्थितियों को देखते हुए खादी के बेडशीट को पुनः बहाल करने का निर्णय लिया गया है। रेलवे बोर्ड के निदेशक (स्टोर) चंदन कुमार ने इस आशय का आदेश पत्र जारी कर दिया है।
अधिकांश ट्रेनों में बेडशीट सेवा बहाल
संक्रमण का वेग कमजोर होते ही रेलवे की यात्री सुविधाएं धीरे - धीरे बहाल हो गई है। इसी क्रम में 10 मार्च से अधिकांश गाड़ियों में चादर, कंबल और तकिए की आपूर्ति भी शुरू हो गई। ऐसे में खादी उत्पादों की आपूर्ति पर फिर से विचार किया गया। जिसके तहत बेडशीट के न्यूनतम 20 फीसदी उत्पादों को खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) से ही खरीदारी करना अनिवार्य कर दिया गया है। खादी की वस्तुओं को लगातार लोगों में लोकप्रिय बनाने की दिशा में सरकार प्रयासरत है। इस दिशा में रेलवे के माध्यम से भी यह प्रयास किया जा रहा है।
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