वाराणसी में भाजपा की जमानत जब्त, MLC प्रत्याशी ने कहा - 'पार्टी के लोग ही निर्दल प्रत्याशी के एजेंट हों तो जीत कैसे होती?'
चर्चित बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह निर्धारित कोटा से ज्यादा मत प्राप्त कर वाराणसी से विजयी घोषित हुईं हैं। मतगणना की समाप्ति के बाद से ही सियासी आरोपों का दौर शुरू हो गया। सबसे बड़ा आरोप भाजपा के ही उम्मीदवार ने अपने ही पार्टी के लोगों पर लगाकर सनसनी फैला दी है। वाराणसी से 4234 पाकर अन्नपूर्णा सिंह विजयी रहीं तो वहीं सपा प्रत्याशी उमेश यादव ने कहा कि भाजपा से अधिक वोट पाना ही मेरी विजय है। जबकि भाजपा प्रत्याशी डा. सुदामा पटेल ने कहा कि जब भाजपा के लोग ही निर्दल प्रत्याशी के एजेंट बने हों तो जीत कैसे होती? समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी उमेश यादव ने आरोप लगाया कि धनबल और बाहुबल का प्रयोग किया गया है, और हमें संतोष है कि हम भाजपा से आगे हैं। जिन लोगों ने मुझे वोट किया मैं उनका आभार प्रकट करता हूं।
भाजपा की जमानत जब्त : वाराणसी स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य चुनाव की सीट पर कपसेठी हाउस पांचवीं बार कब्जा जमाने में सफल रहा। निर्दल प्रत्याशी के रूप में अन्नपूर्णा सिंह ने इस सीट पर दूसरी बार भारी बहुमत से जीत हासिल कीं। इस तरह 24 साल से यह सीट एक ही परिवार में है। अन्नपूर्णा को कुल 4234 वोट मिले। वहीं प्रतिद्वंद्वी सपा के उमेश यादव को 345 वोट मिले। भाजपा पूरी तरह धड़ाम रही, उनके प्रत्याशी डा. सुदामा पटेल को सिर्फ 170 वोट हासिल हुए और उनकी जमानत जब्त हो गई।
भाजपा की करीबी अन्नपूर्णा सिंह : बृजेश पूर्व में भाजपा समर्थित रह चुके हैं। जबकि अन्नपूर्णा सिंह के परिवार में अधिकांश लोग भारतीय जनता पार्टी से ही जुड़े हुए हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भी अन्नपूर्णा सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खूब तारीफ की थी। वहीं बृजेश के चुनाव मैदान से हटने के बाद भी अन्नपूर्णा के समर्थन में भाजपा के करीबी लोग लगे रहे। वहीं चुनाव परिणाम को काफी करीब से देख रहे भाजपा उम्मीदवार ने पूर्व में भी पार्टी कार्यकर्ताओं और भाजपा पदाधिकारियों पर पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ भितरघात का आरोप लगा चुके थे। इस प्रकरण को लेकर पार्टी में शीर्ष स्तर पर भी उम्मीदवार ने आरोप लगाया था के माफिया बृजेश के समर्थन में पार्टी के दिग्गज लोग लगे हुए हैं और भाजपा उम्मीदवार को हराने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। इस बाबत परिणाम ने साबित कर दिया है कि भाजपा के गढ़ में उम्मीदवार के जमानत जब्त होने के पीछे कुछ गंभीर कारण जरूर थे।
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