सरकारी कर्मचारी अब GPF से मकान की मरम्मत के लिए निकाल सकेंगे ज्यादा रकम - सीएम योगी
मुल्क तक न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार के कर्मचारी मकान की मरम्मत के लिए अब अपने सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाते से 75,000 रुपये तक की धनराशि निकाल सकेंगे। अभी तक इस काम के लिए कर्मचारी अपने जीपीएफ खाते से सिर्फ 40,000 रुपये तक ही निकाल सकते थे। कर्मचारियों की सुविधा का ख्याल रखते हुए राज्य सरकार ने इसके लिए सामान्य भविष्य निधि (उत्तर प्रदेश) नियमावली-1985 के नियम 17 (1) में संशोधन करने का फैसला किया है। कैबिनेट ने वित्त विभाग के इस प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी है। इस फैसले का लाभ प्रदेश के 16 लाख से ज्यादा राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों को मिलेगा।
राज्य कर्मचारी हर महीने अपने मूल वेतन का न्यूनतम 10 प्रतिशत जीपीएफ खाते में अंशदान के लिए कटवाते हैं। 20 साल की सेवा पूरी करने के बाद वे अपने जीपीएफ खाते से अंतिम आहरण के तौर पर मकान की मरम्मत के लिए धनराशि निकाल सकते हैं। मकान की मरम्मत के लिए निकाली जाने वाली धनराशि की अधिकतम सीमा अभी तक 40,000 रुपये थी। यह सीमा वर्ष 1997 में निर्धारित की गई थी।
तब से लेकर अब तक महंगाई काफी बढ़ गई। कर्मचारियों की तनख्वाह में भी इजाफा हुआ, जिससे वे जीपीएफ अंशदान के लिए वेतन से ज्यादा धनराशि कटवाने लगे। कर्मचारी संगठनों की ओर से लगातार यह मांग की जा रही थी कि मकान की मरम्मत के लिए जीपीएफ खाते से निकाली जाने वाली धनराशि की सीमा बढ़ाई जाए। कर्मचारियों की मांग पर विचार करते हुए राज्य सरकार ने यह सीमा बढ़ाकर अब 75,000 रुपये करने का फैसला किया है।
ट्रांसफार्मर निर्माता की लीज की जमीन अब अधिग्रहण करने वाली कंपनी को: राज्य सरकार ने प्रयागराज के नैनी क्षेत्र में जीई टी एंड डी. इंडिया लिमिटेड (पूर्व में जीईसी इंडिया लिमिटेड) को लीज पर दी गई भूमि को पट्टे की शेष अवधि के लिए उन्हीं शर्तों पर शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड हैदराबाद, तेलंगाना के पक्ष में नई लीज के माध्यम से ट्रांसफर करने का फैसला किया है। यह फैसला इस शर्त के साथ किया गया है कि शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स औद्योगिक गतिविधियां जारी रखेगी और जीई टी एंड डी. इंडिया लिमिटेड के कर्मचारियों को सेवा से हटाएगी नहीं। राजस्व विभाग के इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी है।
ट्रांसफार्मर बनाने वाली कंपनी जीई टी एंड डी. इंडिया लिमिटेड को नैनी क्षेत्र में मीरजापुर रोड पर 15 जून, 1965 को तकरीबन 20.15 एकड़ भूमि लीज पर दी गई थी। लीज की अवधि 24 अक्टूबर, 2057 तक है। इस कंपनी को शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड ने खरीद लिया है। जीई टी एंड डी. इंडिया लिमिटेड ने लीज की यह जमीन छोड़ दी थी। लिहाजा सरकार ने औद्योगिक गतिविधियां जारी रखने और पूर्ववर्ती कंपनी के कर्मचारियों को नौकरी से न हटाए जाने की शर्त पर इस जमीन को लीज में उल्लिखित शर्तों पर पट्टे की शेष अवधि के लिए शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स को नई लीज के माध्यम से ट्रांसफर करने का निर्णय किया है।
अयोध्या के विकास के लिए विभागों को मिलेगी नजूल भूमि : कोरोना का संकट हल्का होते ही योगी सरकार अब अयोध्या के विकास को गति देना चाहती है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या धाम के सर्वांगीण विकास के लिए प्रस्तावित विजन डाक्यूमेंट का प्रस्तुतिकरण देखा। वहीं, मंगलवार को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग और धर्मार्थ कार्य विभाग के विकास के लिए भूमि की उपलब्धता संबंधी प्रस्तावों को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई। अयोध्या के विकास को योगी सरकार अपनी प्राथमिकता में बताती है। विकास कार्य कराए भी जा रहे हैं। राम नगरी के सर्वांगीण विकास के लिए विजन डाक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है।
सड़कों के चौड़ीकरण और सुंदरीकरण के लिए जमीन खरीदने को स्वीकृति : सीएम योगी का स्पष्ट निर्देश है कि अयोध्या के विकास में धार्मिकता के साथ आधुनिकता का समावेश होना चाहिए। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कोई समस्या न हो, इसलिए सड़क सहित विभिन्न आधारभूत सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। इसके लिए विभिन्न विभागों को जमीन की भी जरूरत है। इसके लिए प्रस्ताव बनाया गया कि विभागों को नजूल की भूमि आवंटित व हस्तांतरित कर दी जाए। इस प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन स्वीकृति दे दी गई है। इसके साथ ही श्री राम जन्मभूमि मंदिर तक पहुंच मार्ग योजना के तहत प्रस्तावित सड़क के चौड़ीकरण-सुंदरीकरण के साथ ही भूमि व भवन खरीदने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
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