Breaking News

किसका होगा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन ? अडाणी समेत कई कंपनियां लाइन में

मुल्क तक न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली के दिल माने जाने वाले कनाट प्लेस से महज चंद कदमों की दूरी पर स्थित नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के निजीकरण के दिन करीब आते जा रहे है। फिलहाल रेलवे ने अडानी और जीएमआर समेत 9 कंपनियों को बोली लगाने के लिए योग्य पाया है। अब इस स्टेशन को किसी निजी कंपनी को सौंपने के लिए टेंडर निकाल दिया जाएगा।

कितने करोड़ की है परियोजना

रेल मंत्रालय ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के री-डेवलपमेंट की जो परियोजना बनाई है, वह 6,500 करोड़ रुपये की है। इसमें रेलवे स्टेशन को World Class बनाना, वहां रिटेल बिजनेस स्पेस (Retail Business Space) विकसित करना, कामर्शियल स्पेस बनाना और हाउसिंग शामिल है। इसके लिए बीते फरवरी में रिक्वेस्ट फोर क्वालिफिकेशन (RFQ) मंगाया गया था।


9 कंपनियां शार्ट लिस्ट

रेलवे स्टेशनों के निजीकरण की परिेयोजना देखने वाली रेल विकास निगम लिमिटेड के मुताबिक इस परियोजना में बोली लगाने के लिए अडानी रेलवे ट्रांसपोर्ट, जीएमआर ग्रुप, अरबियन कंस्ट्रक्शन कंपनी, एंकरेज इंफ्रास्ट्रक्चर और कल्पतरूर पावर ट्रांसमिशन समेत 9 कंपनियां इसके लिए योग्य पाई गई हैं। इसमें से अडानी और जीएमआर समूह प्रबल दावेदार माना जा रहा है। हलांकि, स्टेशन किसका होगा, इसका फैसला तो टेंडर से होगा। उम्मीद की जा रही है कि इस साल के अंत तक इस बात का फैसला हो जाएगा।


बीते फरवरी में हुई थी प्री-बिड मीटिंग

इस प्रोजेक्ट के लिए प्री-बिड मीटिंग सितंबर 2020 में आयोजित की गई थी। उसमें अडानी, जीएमआर, जेकेबी इन्फ्रा, अरबियन कंस्ट्रक्शन कंपनी और एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर सरीखे फर्मों ने हिस्सा लिया था। निजी कंपनियों के लिए यह स्टेशन इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह रणनीतिक रूप से दिल्ली के केंद्र में स्थित है। यह दिल्ली के प्रमुख कमर्शियल स्पॉट कनॉट प्लेस के काफी निकट है। यह एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन मेट्रो के द्वारा आईजीआई हवाई अड्डे से और येलो लाइन मेट्रो के द्वारा दिल्ली-एनसीआर से जुड़ा हुआ है। स्टेशन दोनों ओर से परिवहन के विभिन्न साधनों से जुड़ा हुआ है।


रेल मंत्रलय की प्राथमिकता

पूरे देश के रेलवे स्टेशनों का री-डेवलपमेंट कराना रेल मंत्रालय की प्राथमिकताओं में से एक है। केंद्र सरकार ने रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के काम को पूरा करने वाली इस प्रोजेक्ट के काम को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी के आधार पर देश की निजी कंपनियों के साथ भागीदारी से शुरू करेगी। सरकार के इस एजेंडे के तहत देश के करीब 125 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास पर काम चल रहा है। इसमें से आईआरएसडीसी के तहत 63 स्टेशन और आरएलडीए के अधीन 60 स्टेशनों के पुनर्विकास का काम जारी है।

कोई टिप्पणी नहीं