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महेंद्र सिंह धोनी को किस्मत से मिली कप्तानी, टीम इंडिया का कप्तान तो युवराज को बनना था'

नई दिल्ली, टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह के पिता व पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह महेंद्र सिंह धोनी पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ते। योगराज सिंह ने धौनी को हमेशा ही अपने निशाने पर रखा है। अब एक बार फिर से उन्होंने कहा है कि सौरव गांगुली ने जितना युवा खिलाड़ियों को सपोर्ट किया शायद धौनी ने अपने वक्त में युवा खिलाड़ियों को उतना समर्थन नहीं किया। यही नहीं उन्होंने ये भी कह दिया कि टीम का कप्तान तो युवराज बनने वाले थे, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी किस्मत से कैप्टन बन गए। 
महेंद्र सिंह धोनी को साल 2007 में टीम इंडिया की कप्तानी तब दी गई जब इस टीम ने वनडे विश्व कप में काफी खराब प्रदर्शन किया था। हालांकि धौनी की कप्तानी में टीम इंडिया को बड़ी-बड़ी कामयाबियां मिली हैं, लेकिन योगराज सिंह ने धौनी पर टिप्पणी करना नहीं छोड़ा।

उन्होंने न्यूज 24 से बात करते हुए कहा कि मैंने एक वीडियो देखा जिसमें युवराज, गंभीर व सहवाग थे। इसमें हर कोई प्रत्यक्ष या फिर अप्रत्यक्ष तरीके से महेंद्र सिंह धोनी पर टिप्पणी कर रहे हैं। सब कोई गांगुली के बारे में इतनी बातें क्यों करते हैं। जब उन्होंने टीम को बनाना शुरू किया तब टीम की रैंकिंग 7 थी। उन्होंने युवा खिलाड़ी जैसे कि युवराज, कैफ, जहीर, हरभजन, सहवाग और गंभीर के साथ एक नई टीम बनाई। 

योगराज सिंह ने कहा कि युवराज सिंह को टीम इंडिया का कप्तान बनना था, लेकिन ये धोनी की किस्मत थी कि वो एक तैयार और बनी-बनाई बेहतरीन टीम के कप्तान बन गए। उन्होंने कहा कि युवराज सिंह टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी थे और 2007 टी20 वर्ल्ड कप में उन्होंने स्टुअर्ट ब्रॉड की छह गेंदों पर छह छक्के लगाए थे और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी बने थे। उन्होंने ये भी कहा कि धौनी, विराट और टीम इंडिया के सेलेक्टर्स ने मिलकर युवराज सिंह को धोखा दिया।

योगराज सिंह ने बीसीसीआइ से आग्रह किया कि जब धोनी, रोहित या विराट रिटायर हों तो उन्हें एक शानदार विदाई दें। मैं बोर्ड से कहूंगा कि इन खिलाड़ियों ने भारतीय टीम के लिए जो योगदान दिया है उसे देखते हुए इनके लिए बेहतरीन विदाई तो बनती है। युवराज के साथ ऐसा नहीं हुआ जो बहुत ही दुखद था।

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