कालापानी पर चीन को ले कूदीं मनीषा कोइराला, स्वराज कौशल का तगड़ा जवाब
नई दिल्ली। भारत और नेपाल के बीच कालापानी मुद्दे पर अब बॉलिवुड अभिनेत्री मनीषा कोइराला भी कूद पड़ी हैं। नेपाल के नए नक्शे में कालापानी को शामिल किए जाने के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने इसे नेपाल का आत्मसम्मान बताया और इशारों में चीन का भी जिक्र किया। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल ने उन्हें जवाब दिया है।
लंबे समय तक बॉलिवुड इंडस्ट्री में काम कर चुकीं मनीषा कोइराला नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी कोइराला की पोती हैं। मनीषा कोइराला ने नेपाल के विदेश मंत्री के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, ''हमारे छोटे से देश का आत्मसम्मान बरकरार रखने के लिए आपका शुक्रिया। हम सभी तीनों महान देशों के बीच शांति और आदरपूर्वक बातचीत के जरिए समाधान को लेकर आशान्वित हैं।''
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और मनीषा कोइराला के परिवार से अपने रिश्तों का जिक्र करते हुए भारत-नेपाल के बीच चीन को लाने पर निशाना साधा।
Thank you for keeping the dignity of our small nation..we all are looking forward for a peaceful and respectful dialogue between all three great nations now 🙏 https://t.co/A60BZNjgyK
— Manisha Koirala (@mkoirala) May 18, 2020
India may have grievances with Nepal or Nepal may have serious issues with India. That's between India and Nepal. How do you bring in China ? That's bad for us. And that's not good for Nepal either. /10
— governorswaraj (@governorswaraj) May 20, 2020
स्वराज कौशल ने मनीषा कोइराला को बेटी जैसा बताते हुए लिखा, ''भारत को नेपाल से शिकायत हो सकती है या नेपाल का भारत के साथ कोई गंभीर दिक्कत हो सकती है। यह भारत और नेपाल के बीच है। आप चीन को कैसे बीच में लाईं? हम हमारे लिए बुरा है और यह नेपाल के लिए भी अच्छा नहीं है।''
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ''जब आप चीन को लाती हैं तो भारत के साथ हजारों सालों के रिश्ते को बर्बाद करती हैं। आप हमारी साझा विरासत को बर्बाद कर रही हैं। और सबसे महत्वपूर्ण आप खुद संप्रभु देश के रूप में अपनी स्थिति को कमजोर कर रही हैं।''
स्वराज कौशल ने नेपाल में लोकतंत्र बहाली के लिए संघर्ष में भारत के साथ का जिक्र करते हुए कहा, ''भारतीयों को यह जानना चाहिए कि दुनिया में एकमात्र हिंदू राष्ट्र को खत्म करने की साजिश थी। उन्होंने माओवादियों के साथ हाथ मिलाया। उन्होंने प्रचंड और बाबू राम भट्टाराई को सम्मानित किया। उन्होंने एकमात्र हिंदू स्टेट को बर्बाद कर दिया। उनका मिशन पूरा हुआ।''
उन्होंने आगे लिखा, ''परिणाम यह हुआ कि वामपंथी भारत के खिलाफ चीन का इस्तेमाल कर रहे हैं। या चीन वामपंथियों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर रहा है। इसका परिणाम यह है कि पहले भारत का चीन के साथ बॉर्डर हिमालय तक था। अब भारत चाइना बॉर्डर बीरंगज में शुरू हो जाता है।''
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