ब्रिटिश हाईकोर्ट में खारिज हुई माल्या की अर्जी, जल्द भेजा जा सकता है भारत
नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा भगोड़ा घोषित किए जा चुके कारोबारी विजय माल्य को बड़ा झटका लगा है। ब्रिटिश हाई कोर्ट ने भगोड़े विजय माल्या की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने सुप्रीम कोर्ट में प्रत्यर्पन केस में अर्जी देने का आवेदन दिया था। इस फैसले के बाद अब माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर निगाहें वहां की गृह सचिव प्रीति मेनन पर जा टिकी हैं।
ब्रिटिश कानून के मुताबिक अब हाई कोर्ट के द्वारा एक समय सीमा तय की जाएगी, जिसमें माल्या के प्रत्यर्पण की पूरी प्रकिया को संपन्न किया जाएगा।
भारत की तरफ से पक्ष रख रहे क्राउन अभियोजन सेवा (CPS) के मुताबिक, हाईकोर्ट ने माल्या के तीनों दलीलों को खारिज कर दिया, जिसमें उसने मौखिक प्रस्तुति, उसकी डिफेंस टीम द्वारा तैयार किए गए प्रश्नों पर एक प्रमाण पत्र प्रदान करने और सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की इजाजत मांगी थी।
माल्या के पास इस अब यूरोपीय मानवाधिकार कोर्ट के पास जाने का विकल्प है। वहां उन्हें यह साबित करना होगा कि प्रत्यर्पण करने पर उनके मानवाधिकारों का खतरा होगा।
इससे पहले इंग्लैंड और वेल्स की हाई कोर्ट ने सोमवार को भारत में उनके प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया था। भारत में कई बैंकों से उनकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा उधार लिए गए 9,000 करोड़ रुपए के वित्तीय अपराधों के लिए विजय माल्या वॉन्टेड हैं।
आज सुबह-सुबह भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने एक ट्वीट कर सरकार से 100 प्रतिशत कर्ज चुकाने के उनके प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने सरकार से उनके खिलाफ मामले बंद करने की अपील भी की। माल्या ने हाल में घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज पर भारत सरकार को बधाई देते हुए अफसोस जताया कि उनके बकाया चुकाने के प्रस्तावों को बार-बार नजरअंदाज किया गया।
उन्होंने ट्वीट किया, ''कोविड-19 राहत पैकेज के लिए सरकार को बधाई। वे जितना चाहें उतने नोट छाप सकते हैं, लेकिन क्या मेरे जैसे छोटे योगदानकर्ता की अनदेखी करनी चाहिए, जो सरकार के स्वामित्व वाले बैंक से लिया गया 100% कर्ज वापस करना चाहता है।
Fugitive liquor baron Vijay Mallya loses application in UK High Court to appeal in UK Supreme Court in extradition case. (file pic) pic.twitter.com/909wputw3x— ANI (@ANI) May 14, 2020
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