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कोरोना के डर से जमानत के लिए कड़कड़डूमा कोर्ट पहुंचा शाहरुख पठान

नई दिल्ली। भाषा. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी महीने में हुई हिंसा के दौरान 24 फरवरी को गोली चलाने और एक पुलिस हेड कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने वाले आरोपी शाहरुख पठान ने बुधवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कर दी है। कोर्ट आज दोपहर 2 बजे याचिका पर सुनवाई करेगा। मंगलवार को शाहरुख के वकील ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिस पर कोर्ट ने उसे निचली अदालत में जाने का आदेश दिया था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक निचली अदालत से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले दिनों हुई हिंसा के दौरान एक पुलिस हेड कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने वाला आरोपी शाहरुख पठान अगर जमानत अर्जी दाखिल करता है तो दो दिन के भीतर उस पर सुनवाई की जाए।

आरोपी ने हाईकोर्ट में इस आधार पर जमानत अर्जी दाखिल की थी कि जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं और उसे कोरोना वायरस संक्रमण का डर है। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद आरोपी शाहरुख पठान के वकील ने जमानत अर्जी वापस ले ली और सत्र अदालत में जमानत के लिए आवेदन करने की अनुमति मांगी।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई कर रहीं जस्टिस अनु मल्होत्रा ने कहा कि आवेदन को वापस लिया हुआ मानकर खारिज किया जाता है और आरोपी को सत्र अदालत जाने की स्वतंत्रता दी जाती है।

दिल्ली दंगे में 53 लोगों की हुई थी मौत
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे।

इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया।

इस दौरान राजस्थान के सीकर के रहने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी और डीसीपी और एसीपी सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल गए थे। साथ ही आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दी गई थी।

अदालत ने जेएनयू हिंसा मामले में पुलिस से स्थिति रिपोर्ट मांगी
दिल्ली की एक अदालत ने पांच जनवरी को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमले के मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के मंगलवार को निर्देश दिए। अदालत प्रोफेसर सुचरिता सेन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जेएनयू परिसर के अंदर कथिततौर पर नकाबपोश लोगों के हमले में सेन के सिर पर चोटें आई थीं। अपनी याचिका में उन्होंने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विपुल संदवार ने पूर्व के आदेश का पालन करते हुए वसंत कुंज उत्तर पुलिस थाने द्वारा पेश स्टेटस रिपोर्ट को दर्ज करते हुए ये निर्देश दिए। पुलिस की ओर से मंगलवार को पेश रिपोर्ट के अनुसार मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी और उसे अब अपराध शाखा को भेज दिया गया है। साथ ही सेन की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत को भी भेज दिया गया है।

जज ने दो पेज के अपने आदेश में कहा कि अर्जियों और स्टेटस रिपोर्ट से केवल एक चीज तय है कि क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली अपराध शाखा से आज से सात दिन के भीतर स्टेटस रिपोर्ट मंगाई जाती है, जिसमें एफआईआर और उस पर की गई कार्रवाई का विस्तृत ब्योरा हो। सेन ने अपनी याचिका में दावा किया है कि इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और जो मामला क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित किया गया है वह दूसरी एफआईआर है। याचिका में कहा गया कि एफआईआर दर्ज होनी जरूरी है क्योंकि मामला दर्ज होने के बाद ही उसमें जांच हो सकती है। 

गौरतलब है कि पांच जनवरी को डंडे और रॉड से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने जेएनयू परिसर में घुस कर छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था और वहां तोड़-फोड़ की थी। इस हमले में कम से कम 28लोग घायल हो गए थे।

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