कोरोना लॉकडाउन: ओडिशा में ग्रीन, ऑरेंज जोनों में कारोबारी गतिविधियां और लोगों का आवागमन बहाल
भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार द्वारा कोरोना लॉकडाउन संबंधी पाबंदियों में बड़ी ढील देने से राज्य के ग्रीन और ऑरेंज जोनों में सोमवार को कारोबारी गतिविधियां और लोगों की आवाजाही बहाल हो गई। रेड जोनों में स्थिति कमोबेश अपरिवर्तित रही तथा सड़कें सूनी नजर आई। इस बीच ओडिशा के वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री पद्मनाभ बेहेरा ने एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद कहा कि सरकार ग्रीन जोनों में बस सेवा बहाल करने पर विचार कर रही है लेकिन उनमें आधी सीटें ही भरी होंगी।
राज्य में करीब 15000 बसें हैं जो लॉकडाउन के बाद चल नहीं रही हैं। राज्य 16 जिलों को ग्रीन जोन में डाला गया है जबकि 11 जिले ऑरेंज जोन के वर्ग में रखे गए। तीन जिले एवं भुवनेश्वर नगर निगम के क्षेत्रों को रेड जोन घोषित किया गया है। ओडिशा सरकार के आदेश के अनुसार, ये छूट ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के निषिद्ध क्षेत्रों में नहीं मिलेंगी। ग्रीन जोन कटक में सड़कें रविवार को खाली थीं। लेकिन सोमवार को जरूरी और गैर जरूरी वस्तुओं की कई दुकानें खुलीं। शहर में चार पहिया, दो पहिया और ऑटोरिक्शा समेत वाहन सड़कों पर दौड़ते नजर आए। अन्य ग्रीन जोन पुरी में भी ऐसा ही नजारा था।
राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सभी औद्योगिक गतिविधियों को अनुमति दी है। शहरी क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों को बस ऑरेंज और ग्रीन क्षेत्रों में इजाजत दी गयी है। उसने रेड जोन में अलग-अलग पालियों में और एक दूसरे से दूरी के नियमों के अनुपालन में दवा विनिर्माण, आईटी हार्डवेयर और पैकेजिंग सामग्री से जुड़ी फैक्टरियां खुलने की भी अनुमति दी है। हालांकि उद्यमियों का कहना है कि श्रमिकों की कमी के चलते कामकाज बहाल करना मुश्किल हो रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में तथा शहरी क्षेत्रों में ऑरेंज और ग्रीन क्षेत्रों में सभी निर्माण गतिविधियों को मंजूरी दी गयी है। लेकिन रेड जोन में आने वाले शहरी क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियां सीमित पैमाने पर शुरू करने की अनुमति दी गयी है। हालांकि ठेकेदार श्रमिकों की कमी से जूझ रहे हैं। उधर, बेहेरा ने कहा, ''हमने बसें चलाने का निर्णय पहले ही ले लिया है और इस संबंध में मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास एक प्रस्ताव भेजा गया है।
हमें आशा है कि मुख्यमंत्री उसे मान लेंगे और उन 16 जिलों में बसें पहले की तरह चलने लगेंगी जहां अब तक कोविड-19 का मामला सामने नहीं आया है। इस बीच ओडिशा बस ओनर्स एसोसिएशन ने महज 50 फीसद सीटें ही भरकर बसें चलाने की अनिच्छा प्रकट की है। लेकिन मंत्री ने कहा कि हम बस मालिकों को कुछ छूट देने पर विचार कर रहे हैं ताकि वे यदि 50 फीसद यात्रियों के साथ बसें चलाएं तो उनका नुकसान न हो।
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